नरसिंहपुर- बाढ़ एवं अतिवृष्टि से बचाव की पूर्व तैयारियों संबंधी जिला स्तरीय बैठक कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर ने बाढ़ एवं अतिवृष्टि से बचाव की सभी तैयारियां पहले से ही पुख्ता कर लेने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री दलीप कुमार, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजली शाह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नागेन्द्र पटेरिया, सहायक कलेक्टर श्री शुभम कुमार यादव, अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, एसडीओपी और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर श्रीमती पटले ने कहा कि बाढ़ आपदा संवेदनशील क्षेत्रों का आंकलन कर लिया जाये। इस संबंध में निर्देश दिये गये कि ऐसी नदियां नर्मदा एवं उसके किनारे पर जिनमें जल स्तर बढ़ने पर बाढ़ आती है या बाढ़ की संभावना रहती है, तो इसकी पूर्व से ही चेतावनी जारी करने के साथ ही खतरे के जल स्तर का चिन्हांकित करें। बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष तैयार करने, प्राकृतिक जलाशय एवं जल निकास के लिये नालियों की बारिश पूर्व सफाई, जलाशयों के किनारे अतिक्रमण हटाने, तटबंधों का सुदृढ़ीकरण करने, बाढ़ की पूर्व सूचना की व्यवस्था करने और आपातकालीन कार्यवाही के लिये आवश्यक सेवाओं के रख-रखाव, समन्वय, आवश्यक वस्तुओं का भंडारण, दवाई व चिकित्सक दल, पशु चिकित्सा सेवायें, स्वास्थ्य व स्वच्छता, पेयजल, अस्थायी शिविर, अतिरिक्त खाद्यान्न की व्यवस्था आदि पर चर्चा की गई और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे संवेदनशीलता के साथ इस दिशा में कार्य करें। बाढ़ नियंत्रण संबंधी तैयारियों के साथ ही जनजागृति अभियान चलाकर लोगों को बाढ़ से बचने की जानकारी दें।
सभी महत्वपूर्ण दूरभाष नंबर व मोबाईल नंबर की जानकारी जिला आपदा नियंत्रण केन्द्र के साथ साझा करें। जिले में बाढ़ की पूर्व सूचना एवं प्रचार-प्रसार की सुव्यवस्थित प्रणाली बनाकर उसे सुदृढ़ कर लें। उन्होंने सभी एसडीएम को अनुभाग स्तरीय बाढ़ आपदा प्रबंधन की बैठक आयोजित करने और शहरी क्षेत्र का बाढ़ आपदा प्रबंधन प्लान तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि बरगी बांध से पानी छोड़ने की सूचना त्वरित गति से साझा करने की व्यवस्था रहे।
बारिश के पूर्व सभी सड़कों की आवश्यक मरम्मत, निर्माणाधीन सड़कों का समुचित डायवर्सन, समुचित बोर्ड्स, बाढ़ संभावित ग्रामों और पहुंचविहीन ग्रामों में अग्रिम राशन, जर्जर भवनों का चिन्हांकन, नाला- नालियों की सफाई, पशुओं का टीकाकरण, चारा-भूसे की पर्याप्त उपलब्धता, क्लोरिनेशन, रेस्क्यू स्थल मैपिंग, बाढ़ बचाव सामग्री एवं आवश्यक उपकरणों, लाइफ जैकेट, होमगार्ड तैराकों की व्यवस्था, प्राइवेट रिसोर्स मैपिंग आदि सुनिश्चित कराएं। इसी प्रकार तहसील स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाये जाये। साथ ही जलाशयों से जल छोड़ने के पूर्व इस आशय का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराने और बाढ़ आपदा के नियंत्रण के लिये जिला, तहसील व ग्राम स्तर पर निगरानी टीम को सक्रिय कर प्रभावित स्थलों पर साईनेज लगाने के निर्देश भी दिये गये। पुल- पुलिया पर जल स्तर अधिक होने पर आवाजाही पूर्णत: प्रतिबंधित रहे।
मच्छरों को अपने आसपास पनपने न दें-
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्षा के दौरान डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि बीमारियां मच्छर के काटने से होती हैं। इन बीमारियों से बचाव के लिए डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर को आपके घर में या आसपास पैदा ना होने दें। डेंगू फैलाने वाली एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं और यह दिन के समय काटता है।
1. छत एवं घर के आस-पास अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा न होने दें।
2. सप्ताह में एक बार अपनी टीन, डब्बा व बाल्टी आदि का पानी खाली कर दें। दोबारा उपयोग करने से पहले उन्हें अच्छी तरह से सुखाएं।
3. टायरों आदि में पानी जमाव नहीं हो।
4. पानी के बर्तन, टंकियों आदि को ढंक कर रखें।
5. हेंडपंप के आसपास पानी एकत्र न होने दें।
6. घर के आसपास के गड्ढों को मिट्टी से भर दें।
7. पानी भरे रहने वाले स्थानों पर मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन का तेल डालें।
मच्छर के लार्वा को नष्टीकरण से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया से बचाव किया जा सकता है।