क्लब फूट बीमारी क्या है ? इस बीमारी को कैसे पहचाने,
What is club foot disease? How to recognize
this disease
क्लब फूट बीमारी (Clubfoot) जिसे चिकित्सकीय भाषा में टैलिपेस इक्विनोवेरस (Talipes Equinovarus) भी कहा जाता है, एक जन्मजात विकार है जिसमें बच्चे के पैर और टखने का आकार और स्थिति असामान्य होती है। इस स्थिति में पैर अंदर की ओर मुड़े हुए और नीचे की ओर झुके हुए होते हैं। यह बीमारी लड़कों में अधिक पाई जाती है और यह एक या दोनों पैरों में हो सकती है। भारत में हर वर्ष लगभग 33000 बच्चे क्लब फूट की समस्या के साथ जन्म लेते हैं।
लक्षण
1. पैर और टखने का असामान्य आकार
2. पैर का अंदर की ओर मुड़ना
3. टखने का नीचे की ओर झुकना
4. प्रभावित पैर का छोटा और पतला होना
कारण
क्लब फूट के सही कारण का पता नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि यह कई कारकों का परिणाम हो सकता है, जैसे:
1. जेनेटिक कारण
2. गर्भावस्था के दौरान मां के पेट में बच्चे की असामान्य स्थिति
3. तंत्रिका और मांसपेशियों के विकास में असामान्यता
उपचार
क्लब फूट का उपचार जितनी जल्दी हो सके, शुरू करना महत्वपूर्ण होता है। उपचार के विकल्पों में शामिल हैं:
1. पोंसेटी विधि: इसमें पैरों को धीरे-धीरे सही स्थिति में लाने के लिए बार-बार प्लास्टर चढ़ाया जाता है।
2. फ्रेंच विधि: इसमें पैर की मालिश और टेपिंग की जाती है।
3. सर्जरी: अगर अन्य उपचार विफल होते हैं, तो सर्जरी की जाती है जिससे पैर को सही स्थिति में लाया जा सके।
4. विहार और व्यायाम: पैर की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए विशेष व्यायाम और उपकरणों का उपयोग किया जाता है।
समय पर और उचित उपचार के साथ, क्लब फूट के साथ जन्मे बच्चे सामान्य जीवन जी सकते हैं और उनमें चलने-फिरने की सामान्य क्षमता विकसित हो सकती है।